संस्कृत प्रहेलिका (Sanskrit Riddles)

बुद्धि की तार्किक क्षमता के लिए प्राचीन काल से ही प्रहेलिकाओ का प्रयोग होता रहा है। भारतीय संस्कृत साहित्य में प्रहेलिका का प्रयोग हमें इंगित करता है कि इसका प्रयोग बुद्धि परीक्षण के लिए विद्वानों द्वारा यथा सम्भव किया है। प्रहेलिका के माध्यम से संस्क…

बताइये क्या ?

अपदो दूरगामी च साक्षरो न च पण्डितः। अमुखः स्फुटवक्ता च यो जानाति स पण्डितः॥  🌻Hindi: पैर न होने पर भी दूर तक चला जाता है , साक्षर होने पर भी पण्डित नहीं है , मुख नहीं होने पर भी स्पष्ट बोलने वाला है , जो यह जानता है वह पण्डित है । 🌻English: It goe…

That is All